अपने लाल बागे में लोबसांग Rampa की छवि.

अध्ययन सामग्री

अपने लाल बागे में लोबसांग Rampa की छवि.
आप जितना ज़्यादा ज्ञान हासिल करेंगे, आपको उतनी ही ज़्यादा सीखने की ज़रूरत होगी।

मैं वेर्न के प्रति अपना आभार व्यक्त करना चाहूँगा जिन्होंने मूल रूप से इन पुस्तकों को स्कैन करने के लिए अपना बहुमूल्य समय दिया। शुरू में, वेर्न ने इन पुस्तकों को माइक्रोसॉफ्ट वर्ड (Microsoft Word) में अनुवादित किया था। फिर मैंने इन सबका विभिन्न फॉर्मेट में रूपांतरण किया ताकि ज़्यादा से ज़्यादा लोग डॉक्टर रम्पा की इस बहुमूल्य जानकारी का उपयोग कर सकें।.

ऐसी चार पुस्तकें हैं जिनमें आर्थिक लाभ के उद्देश्य से दुर्भावनापूर्वक डॉक्टर रम्पा के नाम का उपयोग किया गया है; ये चारों पुस्तकें झूठी हैं क्योंकि डॉक्टर रम्पा ने न तो इन्हें लिखा है और न ही ये उनके द्वारा प्रकाशित की गई हैं। मैं इन पुस्तकों पर रोशनी डालना चाहूँगा क्योंकि ये लोगों को भ्रमित करती हैं – ये पुस्तकें निम्नलिखित हैं:

डॉक्टर रम्पा इस पुस्तक "फीडिंग द फ्लेम (Feeding the Flame)", पृष्ठ 15, द्वितीय अनुच्छेद में हमें चेतावनी देते हैं कि इस जीवन से उनके प्रस्थान के बाद ऐसे कुछ धोखेबाज़ लोग आएँगे जो उनके सुयश का उपयोग अपने व्यक्तिगत लाभ के लिए करेंगे। लोबसंग की मृत्यु जनवरी 1981 में हुई जब उनकी आयु 272 और 306 वर्ष के बीच थी, (उनकी पुस्तकों में इसके समर्थन में कई संकेत मिलते हैं, लेकिन अधिक जानकारी के लिए हाइपोथेसिस [Hypothesis] पढ़ें) और उन्होंने यह अच्छी तरह स्पष्ट कर दिया था कि वे इस धरती पर न तो किसी माध्यम से वापस लौटेंगे और न ही किसी के भी साथ संपर्क स्थापित करेंगे। जो भी व्यक्ति यह दावा करता है कि वह डॉक्टर रम्पा के साथ संपर्क में है या किसी आर्थिक लाभ के लिए उनके नाम का उपयोग कर सकता है, वह झूठ बोल रहा है और वह धोखेबाज़ है। हमने केवल इस साइट के नाम को ध्यान में रख कर उनके नाम का उपयोग ईमेल में किया है, किसी और उद्देश्य से नहीं, क्योंकि हम उनके काम से किसी प्रकार के आर्थिक लाभ का लक्ष्य नहीं रखते। हम यह जानकारी उन सभी के लिए उपलब्ध कराना चाहते हैं जो सत्य जानने की इच्छा रखते हैं।.

लोबसंग ने कुल मिलाकर केवल 19 पुस्तकें लिखी थीं और हमने उन्हें यहाँ उनके सही प्रकाशन क्रमानुसार सूचीबद्ध किया है।.

तीसरी आँखतीसरी आँख - (1956) इसकी शुरुआत ऐसे हुई। एक जवान आदमी के चिकित्सीय लामा बनने और अपनी तीसरी आँख खुलवाने के लिए ऑपरेशन कराने के सफ़र के बारे में आत्मकथा। इसमें हमें बौद्ध भिक्षुओं के जीवन के तिब्बती तरीके की एक झलक मिलती है और उस जीवन में अन्तर्निहित आध्यात्मिक ज्ञान की गहन समझ प्राप्त होती है। इस समय तक भिक्षुओं के जीवन अज्ञात था, उन गिने-चुने लोगों के लिए भी जिन्होंने वास्तव में तिब्बत की यात्रा की थी और सबकुछ जानने का दावा किया था। लोबसंग चाकपोरी मठ में प्रवेश करते हैं और वे तिब्बती गुप्त विज्ञान का सबसे महान रहस्य ही नहीं बल्कि और भी बहुत विषयों के संबंध में ज्ञान प्राप्त करते हैं।.


ऑनलाइन पढ़ें | A4: PDF - MS-Word | ई-पुस्तक: PDF - ePub - Mobi

लहासा का डाक्टरलहासा का डाक्टर - (1959) कहानी जारी रहती है और लोबसंग के ल्हासा छोड़कर चंगकिंग, चीन तक की यात्रा का वृत्तांत प्रस्तुत करती है। यहाँ उन्होंने पश्चिमी विधियों के साथ अपनी चिकित्सा-संबंधी अध्ययन में प्रगति की। उन्होंने हवाई जहाज़ उड़ाना सीखा, लेकिन जापानियों ने उन्हें बंदी बना लिया और उन्हें यातनाएं दीं। लोबसंग ने अपना बहुत सारा समय बंदी शिविरों में आधिकारिक चिकित्सा अधिकारी के रूप में बिताया जब तक कि वे वहां से पलायन करने में सफल नहीं हुए। लोबसंग उन गिने-चुने व्यक्तियों में से एक थे जो हिरोशिमा पर पहले परमाणु बम के गिरने के बाद भी जीवित बच गए थे। साथ ही, उन्होंने निजी कल्याण में बेहतरी लाने के लिए क्रिस्टल बॉल के उपयोग का तरीका और श्वसन व्यायाम सीखे।.


ऑनलाइन पढ़ें | A4: PDF - MS-Word | ई-पुस्तक: PDF - ePub - Mobi

रंपा की कहानीरंपा की कहानी - (1960) डॉक्टर रम्पा अपनी यात्रा में आगे बढ़ते हुए कोरिया से रूस पहुँचते हैं जहाँ लोबसंग को तब तक बंदी बनकर यातनाएँ सहन करनी पड़ती हैं जब तक वे फिर पलायन करने में सफल नहीं हो जाते। वे भाग निकल्रते हैं और यूरोप में हर स्थान पर लक्ज़री गाड़ियाँ चलाकर अपनी आजीविका कमाते हैं। फ्रांस में, उन्हें जहाज़ के इंजीनियर के रूप में जलयात्रा कर यूएसए पहुँचने का अवसर मिलता है। इस पुस्तक में, लोबसंग एक अंग्रेज़ आदमी (सिरिल हेनरी होस्किंस) के शरीर में वास करते हैं (देहांतरण के माध्यम से) जो इस दुनिया को छोड़ने के लिए बहुत उतावला है, और इसी कारण लोबसंग अपना विशिष्ट कार्य जारी रखने में सक्षम होते हैं।.


ऑनलाइन पढ़ें | A4: PDF - MS-Word | ई-पुस्तक: PDF - ePub - Mobi

पुरातन जनों की गुफ़ापुरातन जनों की गुफ़ा - (1963) लोबसंग हमारी धरती के इतिहास और उसके पूर्व निवासियों की एक छोटी झलक पेश करते हैं जिन्होंने एक अत्यंत तकनीकी उपकरण छिपाया था और जो आज भी छिपा हुआ है। लोबसंग अपने मार्गदर्शक महान लामा मिंगयार डोंडुप के साथ उस स्थान का दौरा करते हैं जहाँ वह तकनीक छिपाई गई थी और अपनी आँखों से उसका प्रत्यक्ष दर्शन करते हैं। यह तकनीक उन लोगों की प्रतीक्षा कर रही है जो इसका उपयोग मानवता की और उन सभी प्राणियों की भलाई के लिए कर सकते हैं जिनके साथ हम इस ग्रह को बाँटते हैं।.

ऑनलाइन पढ़ें | A4: PDF - MS-Word | ई-पुस्तक: PDF - ePub - Mobi

तुम सदैव के लियेतुम सदैव के लिये - (1965) यह पुस्तक अध्यात्मविज्ञान में दो स्व-प्रशिक्षण पुस्तकों में से एक है। यह कृति स्पष्ट सरल शब्दों में समझाती है कि कुछ अध्यात्मविज्ञान योग्यताओं को सीखना कैसे शुरू कर सकते हैं और इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए क्या करें और क्या न करें। क्या अपने कभी सोचा है कि कायरता पीली क्यों है, क्रोध लाल क्यों है और ईर्ष्या हरी क्यों होती है? या फिर कुछ रंग हमारे अंदर खास तरह की भावनाएं क्यों जगाते हैं? इस पुस्तक का अनिवार्य रूप से अध्ययन करना चाहिए और इसे पढ़ने में बिल्कुल भी जल्दबाज़ी नहीं करनी चाहिए, नहीं तो आप बहुत सारी बहुमूल्य जानकारी से वंचित रह जाएंगे।.

ऑनलाइन पढ़ें | A4: PDF - MS-Word | ई-पुस्तक: PDF - ePub - Mobi

केशरिया बानाकेशरिया बाना - (1966) यह पुस्तक लामा के रूप में लोबसंग का अपने उदार मार्गदर्शक महान लामा मिंगयार डोंडुप के साथ जीवन में परिज्ञान प्रस्तुत करती है। इस पुस्तक में हमें बौद्ध धर्म की उत्पत्ति की जानकारी दी गई है और राजकुमार गौतम की वास्तविक कथा और उनके चार उदार सत्य के साथ वे कैसे बुद्ध बने, इसके बारे में बताया गया है। आप इन उदार सत्य के बारे में “मिडल वे” वेबपृष्ठ पर पढ़ सकते हैं।.


ऑनलाइन पढ़ें | A4: PDF - MS-Word | ई-पुस्तक: PDF - ePub - Mobi

जीवन के अध्यायजीवन के अध्याय - (1967) लोबसंग आयामों, समानांतर शब्दों और भविष्यवाणियों के बारे में बात करते हैं। इसमें पाठक को भविष्यवाणियों की गणना के तरीके की गहराई से समझ प्रदान की गई है, एक ऐसा विषय जिसे अधिकांश लोग पूर्ण रूप से समझ नहीं पाते। लोबसंग धर्म और ईसाई धर्म के बारे में प्रश्नों के उत्तर भी देते हैं। धर्म एक अत्यंत वास्तविक उद्देश्य की पूर्ति करता है और आज के समय में कई लोग इसकी अवहेलना कर रहे हैं। हमें इसका प्रमाण धराशायी होते समाजों एवं समुदायों में स्पष्ट रूप से मिलता है। यह दुःख की बात है, कई लोग धर्म की व्याख्या सोचने के एक तरीके के रूप में करते हैं।


ऑनलाइन पढ़ें | A4: PDF - MS-Word | ई-पुस्तक: PDF - ePub - Mobi

ज्वाला का पालनज्वाला का पालन - (1971) कहते हैं कि: "अन्धकार को कोसने की बजाए दिया जलाना बेहतर है।" प्रथम दस पुस्तकों में डॉक्टर रम्पा ने एक मोमबत्ती जलाई, और इसलिए इस ग्यारहवीं पुस्तक में, समय आ गया है कि "फीड द फ्लेम (लौ को पोषित करें)" किया जाए यानि, जीवन के आध्यात्मिक लौ को पोषित किया जाए। इतिहास की एक घटना का उद्धरण देते हुए पुनर्जन्म का प्रमाण देना और उन घटनाओं को और ज़्यादा गहराई से समझाना इस पुस्तक का उद्देश्य है। पाठकों के और अधिक प्रश्न एवं उत्तर भी शामिल हैं।.


ऑनलाइन पढ़ें | A4: PDF - MS-Word | ई-पुस्तक: PDF - ePub - Mobi

साधुसाधु - (1971) लोबसंग एक नेत्रहीन व्यक्ति से मिलते हैं ताकि वे अपने ज्ञान का विकास कर सकें और इस दौरान उन्हें ऐसे लोगों के बारे में पता चलता है, जो इस धरती पर जीवन की स्थापना करने वाले सर्वप्रथम व्यक्ति थे, जिन्हें "धरती के माली" के रूप में जाना जाता है। हमारे इस सौरमंडल या आकाशागंगा में हमारी धरती ही एकमात्र रहने योग्य स्थान नहीं है। साथ ही, मूसा एवं ईसा मसीह के बारे में सच्चा परिज्ञान भी प्रदान किया गया है, और ईसा मसीह केवल एक दूत ही थे; जैसे कि सब मसीहा होते हैं।.


ऑनलाइन पढ़ें | A4: PDF - MS-Word | ई-पुस्तक: PDF - ePub - Mobi

साँझसाँझ - (1975) डॉक्टर रम्पा नक्षत्रीय यात्रा को एक बार फिर और अधिक समझाते हैं लेकिन इस बार वे भिन्न तरीकों के उपयोग से उसके कई स्तरों की बात करते हैं। अनिच्छा से, वे खोखली धरती (Hollow Earth) के बारे में भी बताते हैं जहाँ की यात्रा वे कुछ मानवों के साथ कर चुके हैं। इसके अतिरिक्त, वे यूएफओ, प्रार्थना की शक्ति जैसे विषयों के साथ, प्रार्थना करने के तरीके, जादू-टोना, आत्मा पर कब्ज़ा, विवाह एवं तलाक, बौद्ध धर्म, प्रभामंडल, कर्म के नियम, उपवास रखना, सम्मोहन विद्या, तथा और भी बहुत सारे विषयों की बात करते हैं।.


ऑनलाइन पढ़ें | A4: PDF - MS-Word | ई-पुस्तक: PDF - ePub - Mobi

मेरा विश्वासये जैसा था - (1976) यह पुस्तक डॉक्टर रम्पा की जीवनगाथा को आगे बढ़ाती हुई तिब्बत में उनके रहने से लेकर दुनिया भर में उनकी साहसिक यात्राओं का वृत्तांत पेश करती है। साथ ही, इसमें सिरिल हेनरी होस्किंस के जीवन के उस भाग की वास्तविक कहानी भी दी गई है जो डॉक्टर रम्पा द्वारा उनके भौतिक शरीर में देहांतरण के पहले से संबंधित है। डॉक्टर रम्पा के माध्यम से सिरिल हेनरी होस्किंस इस अपमानजनक दावे का खुलासा करते हैं कि वे एक प्लम्बर थे; और जब यीशु खुद एक बढ़ई थे तो एक मामूली कारीगर होने में क्या गलत है?


ऑनलाइन पढ़ें | A4: PDF - MS-Word | ई-पुस्तक: PDF - ePub - Mobi

मेरा विश्वासमेरा विश्वास - (1977) डॉक्टर रम्पा हमें बताते हैं कि क्या होता है जब कोई व्यक्ति आत्महत्या करता है, चाहे वह यह काम अपने हाथों से करे या किसी के सहयोग से। डॉक्टर रम्पा विस्तार से समझाते हैं कि किस तरह से उन्हें वापस धरती पर भेज दिया जाता है और सज़ा के रूप में उन्हें कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। आत्महत्या किसी भी व्यक्ति द्वारा किया जा सकने वाला चरम पाप है क्योंकि आपका भौतिक शरीर आपकी जागीर नहीं है जिसका उपयोग आप जब चाहें, जैसे चाहे वैसे कर सकें। आम धारणा यही है कि "यह मेरा जीवन है और मैं इसके साथ जो चाहे वह कर सकता/सकती हूँ" क्योंकि आपका भौतिक शरीर आपके 'ओवरसेल्फ' द्वारा प्रदान किया गया था और आपका आध्यात्मिक शरीर आपके 'ओवरसेल्फ' का एक विस्तार मात्र है। इसलिए, स्पष्टतः, आप इसके साथ जो चाहें वह नहीं कर सकते। आत्महत्या के बारे में विचार करने वाले व्यक्तियों को ऐसा कुछ भी उद्दंड कार्य करने से पहले यह पुस्तक अवश्य पढ़नी चाहिए। लोबसंग महिला मुक्ति के बारे में और इसमें महिलाओं ने कहाँ गलत कर दिया, इसके बारे में भी समझाते हैं।.


ऑनलाइन पढ़ें | A4: PDF - MS-Word | ई-पुस्तक: PDF - ePub - Mobi